सरसराती हवा चूमती हुई चेहरे को चली जाती है ,
खामोश वादियों से आवाज़ सी कोई आती है ,
प्यार हर दिल पर बिखेरती है ये हवा ,
बस खामोशी में हर दिल पर गूंजती है ये हवा,
प्यार हर दिल पर नशे की तरह बिखेरती चली जाती है,
फिर बर्फीले ठंडे पानी के भाँती वो नशा उतारती है ये हवा,
आते ही महबूब की आहट महसूस कराती है ये हवा,
महबूब के जाने के गम में हर पल रुलाती है ये हवा,
प्यार अगर सच्चा हो तो वो आंसू सुखाती है ये हवा,
दूर होकर भी महबूब की सोंधी खुशबू पास लाती है ये हवा !
खामोश वादियों से आवाज़ सी कोई आती है ,
प्यार हर दिल पर बिखेरती है ये हवा ,
बस खामोशी में हर दिल पर गूंजती है ये हवा,
प्यार हर दिल पर नशे की तरह बिखेरती चली जाती है,
फिर बर्फीले ठंडे पानी के भाँती वो नशा उतारती है ये हवा,
आते ही महबूब की आहट महसूस कराती है ये हवा,
महबूब के जाने के गम में हर पल रुलाती है ये हवा,
प्यार अगर सच्चा हो तो वो आंसू सुखाती है ये हवा,
दूर होकर भी महबूब की सोंधी खुशबू पास लाती है ये हवा !
wah ji aap to shayar ho gaye...
ReplyDeletethank u hai ji ....
ReplyDeleteवाह क्या हवा चलाई है आपने बेहतरीन मेघा जी बधाई इस सुन्दर रचना पर.
ReplyDeleteKya baat hai
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